धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो shiv chalisa lyricsl तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
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स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन